उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर सेतु निगम द्वारा पुराने सेतुओं की मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य के निरीक्षण हेतु तैयार की गयी मोबाईल ब्रिज इन्सपेक्शन यूनिट
लखनऊ। उ0प्र0 राज्य सेतु निगम में विगत कई वर्षों से लोक निर्माण विभाग से प्राप्त मोबाईल ब्रिज इन्सपेक्शन यूनिट (एम.बी.आई.यू.) मरम्मत के अभाव में आईडिल खड़ी थी। जिसे ठीक करा कर उपयोग मे लाने के निर्देश उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए थे । उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में पी॰ के॰ कटियार, प्रबन्ध निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम द्वारा सेतु निगम का कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त पुराने सेतुओं की मरम्मत एवं सुरक्षित यातायात के उद्देश्य से इस मशीन को तत्काल मरम्मत कराकर उपयोगी बनाये जाने के निर्देश दिये गये थे।
पी॰ के॰ कटियार, प्रबन्ध निदेशक द्वारा राज्य सरकार को सूचित भी किया गया कि सेतु निगम में उपलब्ध एम.बी.आई.यू. एक अत्यन्त महत्वपूर्ण मशीन है, जिससे सेतु निगम द्वारा पुराने जर्जर एवं मरम्मत योग्य सेतुओं का निरीक्षण कराकर आवश्यक मरम्मत एवं अनुरक्षण के कार्य कराये जा सकते हैं। भविष्य में पुराने सेतुओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाने तथा यातायात अवरूद्ध होने की समस्या के बचाव हेतु यह मशीन अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी।
श्री कटियार के दिशा-निर्देशन में विगत बीस वर्षों से खराब पड़ी हुई मोबाईल ब्रिज इन्स्पेक्शन यूनिट की सफलतापूर्वक मरम्मत पूर्ण करा ली गयी है। एम.बी.आई.यू. द्वारा सेतु के ऊपर से ही मशीन के स्वचालित प्लेटफार्म में खडे़ होकर अभियन्ताओं द्वारा सेतु के निचले भाग यथा- बीम, डेक, पियर कैप तथा बियरिंग आदि का निरीक्षण कर सकेंगे एवं कोर कटिंग तथा एन॰डी॰टी॰ टेस्ट आदि भी कर सकेंगे। तकनीकी दृष्टिकोण से सेतु की आवश्यक मरम्मत हेतु सेतु निगम के अभियन्ता अपने सुझाव देने में सफल होंगे।
इस मशीन का औपचारिक उद्घाटन एवं टेस्ट एण्ड ट्रायल श्री पी॰ के॰ कटियार, प्रबन्ध निदेशक, सेतु निगम द्वारा आज याॅत्रिक इकाई, ऐशबाग, लखनऊ में सफलतापूर्वक किया गया। तदोपरान्त चार लेन रेलवे सेतु, किसान पथ लखनऊ पर इस मशीन से निरीक्षण का कार्य पी॰के॰ कटियार, प्रबन्ध निदेशक, विजय गुप्ता, संयुक्त प्रबन्ध निदेशक (याॅ॰), ए॰के॰ श्रीवास्तव, संयुक्त प्रबन्ध निदेशक (नि॰/परि॰) तथा सेतु निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक कराया गया।
श्री कटियार द्वारा बताया गया कि उ॰प्र॰ में निर्मित पुराने सेतुओं का निरीक्षण, मरम्मत एवं अनुरक्षण हेतु यह मशीन मील का पत्थर साबित होगी तथा सेतु निगम द्वारा ऐसे सेतुओं का निरीक्षण कर मरम्मत योग्य सेतुओं को चिन्हीकृत करने में भी सफलता प्राप्त होगी।