जनपद बागपत की तहसील बड़ौत के ग्राम बदरखा खादर मे स्वीकृत खनन पट्टे की, की गई जांच में पाई गई अनेक अनियमितताएं


जिलाधिकारी बागपत को जांच आख्या भेज कर पट्टाधारक के विरुद्ध कार्रवाई करने के दिए गए निर्देश -डा0रोशन जैकब


लखनऊ। निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म उत्तर प्रदेश, डा0 रोशन जैकब ने बताया की जनपद बागपत की तहसील बडौ़त के ग्राम बदरखा खादर के गाटा संख्या 1/2 में संचालित खनन पट्टा (जो मनीश चौहान पुत्र सुभाष चौहान के पक्ष मे दिनांक 21 फरवरी 2018 से 20 फरवरी 2023 तक की अवधि हेतु स्वीकृत है) के संबंध में प्राप्त शिकायत के संदर्भ में निदेशालय स्तर द्वारा गठित जांच दल से स्थलीय निरीक्षण कराया गया। स्थलीय निरीक्षण में प्राप्त कमियों का उल्लेख करते हुए जिलाधिकारी बागपत से अपेक्षा की गई है, कि वह  जांच आख्या मे प्राप्त विवरण के अनुसार पट्टाधारक के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें।
 इस संबंध में उन्होंने बताया की स्वीकृत खनन पट्टा क्षेत्र के सीमा स्तंभ 'सी' 'सी 1' व डी के दक्षिण व दक्षिण पश्चिम में स्वीकृत क्षेत्र के बाहर 03 पिट्स अवैध खनन पाया गया ।उक्त पिट्स की पैमाइश के अनुसार 98483 घन मी0 अवैध बालू का खनन किया गया है। खनन योजना एवं पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र में उल्लिखित शर्तो का अनुपालन नहीं किया गया है ।इस संबंध में स्वीकृत खनन क्षेत्र से बाहर  98483 घन मी0अवैध बालू खनन की रॉयल्टी एवं खनिज मूल्य का अधिरोपण करने तथा उत्तर प्रदेश उप खनिज (परिहार ) नियमावली के अंतर्गत प्रत्येक चूक के लिए प्रति अवसर 50हजार रूपये की दर से शास्ति देय है।


 डा0 रोशन जैकब ने बताया कि जांच मे पाया गया कि खनन पट्टा क्षेत्र में सीमा स्तंभ 'सी'अपनी वास्तविक जगह से हटा हुआ था व अन्य सीमा स्तंभ मौके पर नहीं पाए गए ,जो उत्तर प्रदेश खनिज परिहार नियमावली 1963 के नियम -35(1) का उल्लंघन है। यह भी पाया गया कि पट्टाधारक द्वारा वाहनों के प्रवेश एवं निकासी पर निगरानी हेतु लगे सी0सी0टी0वी0 कैमरे की रिकॉर्डिंग जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत नहीं की गई है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश उ0प्र0 खनिज (परिहार) नियमावली 1963 के नियम -59(3 )के अंतर्गत प्रत्येक चूक के लिए प्रति अवसर 25 हजार रूपये की दर से शास्ति देय है ।
उन्होने बताया कि जांच में यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि खनिजों की ओवरलोडिंग किए जाने से खनन क्षेत्र के आसपास की सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जो नियम  41(झ) का उल्लंघन है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश खनिज (परिहार) नियमावली 1963 के नियम -59(6) के अंतर्गत प्रत्येक चूक की दशा में पट्टाधारक पर 25 हजार रूपये की दर से शास्ति देय है। 


डा0रोशन जैकब ने बताया  कि गठित जांच दल द्वारा निरीक्षण के दौरान स्वीकृत खनन पट्टा का अधिकांश क्षेत्र वर्षा के कारण जलमग्न होना पाया गया , जिस कारण से खनन क्षेत्र में किए गए खनन का आंकलन नहीं किया जा सका। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी से अपेक्षा की है कि खनन क्षेत्र में हुए खनन का आंकलन जनपद स्तर से टीम गठित कर तत्काल कराया जाए । इसके अतिरिक्त गठित जांच दल द्वारा यह भी पाया गया कि अनुमन्य मात्रा से काफी अधिक मात्रा में खनिज की ओवरलोडिंग किए जाने से खनन क्षेत्र के आस-पास  की सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस संबंध में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत जिला खनिज न्यास मद से कराए जाने पर विचार किए जाने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए गए हैं, साथ ही खनिजों के ओवरलोड वाहनों पर कड़ाई से अंकुश लगाते हुए यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि संबंधित खदान से मानक के अनुरूप ही खनिजों की लोडिंग होनी चाहिये।
  डा0जैकब ने जांच आख्या की प्रति संलग्न करते हुए जिलाधिकारी बागपत को इस आशय से भेजी है, की सुसंगत प्रावधानों के अनुसार पट्टाधारक के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए कृत कार्यवाही से शासन एवं खनन निदेशालय को अवगत कराया जाए।


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