नवाबगंज सीएचसीः स्टाप नर्स की लापरवाही क्षेत्र को पड़ सकती है भारी


- विदेश से लौटी स्टॉप नर्स ने बगैर स्क्रीनिग ज्वाइन किया सरकारी अस्पताल


उन्नाव। देश के प्रधानमंत्री जहां कोरोना वायरस से देश को सुरक्षित रखने हेतु लगातार सभी से सुरक्षा, ऐहतियात व जनता कर्फ्यू के साथ इस जंग से लड़ने की अपील कर रहे हैं वही सरकारी कर्मचारी लोगो की जान से खेलने में और लापरवाही बरतने में कोई कोताही नही छोड़ रहे। ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नवाबगंज सरकारी अस्पताल से है। जहां स्टॉप नर्स रुचि श्रीवास्तव बगैर किसी सूचना के अस्पताल से ग़ायब हो जाती है। जिसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी। कुछ दिन बाद वह वापस लौट भी आती है और फिर से काम करने लगती है।
इधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्टॉप नर्स रुचि श्रीवास्तव विदेश गई थी वह भी बगैर किसी सरकारी अनुमति के! ताज्जुब तो यह है कोरोना वायरस के चलते जब हर आने जाने वाले की स्क्रीनिंग हो रही है तो ऐसे में वह विदेश से लौटकर बिना स्क्रीनिंग कराए काम पर लौट आयी। इस बीच उनके सम्पर्क में अस्पताल के सैकड़ो मरीज़ आये। 
सूत्रों की माने तो मामला तब प्रकाश में आया जब पासपोर्ट लखनऊ कार्यालय के अधिकारियों ने उनके घर पहुंचकर होम कॉरिटेन्स प्रिकॉशन शुरू किये। ऐसे में अब सबकी निगाहें स्टाप नर्स की रिपोर्ट पर टिकी है। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई तो क्षेत्र में इसके घातक परिणाम हो सकते है। इस बारे में अधीक्षक डॉ अरुण कुमार से जानकारी की गई तो उन्होंने स्टॉप नर्स के बगैर सूचना के जाने की बात कही। जब उनसे यह पूछा गया कि आपने उसे ज्वाइन कैसे करा दिया तो वह बात टाल कर अपने उच्चाधिकारियों को लेटर भेजने की बात कहने लगे।
इनसेट
लखनऊ कनिका प्रकरण के बाद स्टॉप नर्स ने विदेश से लौटकर किया गुमराह
बालीवुड की कनिका की दी गई मुश्किले अभी शांत भी नही हो सकी की आम मरीज़ो के सेवा भाव हेतु जानी जाने वाली स्टॉप नर्स ने विदेश से लौटने के बाद सैकड़ो लोगो को को संक्रमण के संदेह में डाल दिया।
मामला नवाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ स्टॉप नर्स बगैर बताये छुट्टी पर ही नही गई बल्कि लापरवाही पर लापरवाही करती पाई गई। इन्होंने विदेश जाने की जहां बात छिपाई वही बगैर स्क्रीनिग व होम क्वरिटेन्स के ही अस्पताल ज्वाइन कर लिया। इतना ही नहीं अधीक्षक डॉ अरुण कुमार ने भी यह जानने की कोशिश नहीं की आखिर बगैर अनुमति क्यू गई बल्कि उन्हें बाकायदा 18 मार्च को ज्वाइन भी करा लिया। 
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस प्रकरण को लेकर जब सीएमओ कैप्टन डॉ आसुतोष कुमार से बात करने के प्रयास किये गए तो उन्होंने बताया कि अभी कन्फर्म जानकारी नहीं है। पेपर आने के बाद ही कुछ कहने की स्थित में होंगे।


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